जानें चातुर्मास में कैसा होना चाहिए लाइफस्टाइल

By: Deepika Pal

NavBharat Live Desk

चातुर्मास का अर्थ होता है चार महीने जोकि सावन, भाद्रपदा, आश्विन और कार्तिक होते हैं। जो 6 जुलाई 2025 से 1 नवंबर 2025 तक रहेगा।

 चातुर्मास

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 चातुर्मास में भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा के लिए चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी पर जागते हैं।

भगवान विष्णु

चातुर्मास का समय धार्मिक दृष्टिकोण से जरूरी होता है लेकिन लाइफस्टाइल पर बुरा असर डालता है।

जीवनशैली

चातुर्मास के दौरान शादी-विवाह पर प्रतिबंध रहता है, मांगलिक कार्य नहीं होते है।

शादी-ब्याह

पूजा-पाठ, हवन और धार्मिक ग्रंथों के पाठ करना चातुर्मास में शुभ फल देता है।

 हवन

चातुर्मास में सात्विक भोजन करना चाहिए। इसमें साबूदाने की खिचड़ी आदि खाएं तो अच्छा है।

साबूदाना खिचड़ी

चातुर्मास में दूध, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन, सुपारी, मिठाई, मांस-मदिरा का सेवन नहीं करते है।

वर्जित चीजें

चातुर्मास में सावन के महीने में पत्तेदार सब्जियां (साग)  का सेवन नहीं करना चाहिए।

हरे पत्तेदार सब्जियां

चातुर्मास मे हमारी पाचनशक्ति कमजोर पड़ जाती है. क्योंकि इस अवधि में भोजन और जल में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं।

पाचन के लिए

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