By - Simran Singh

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कर्ण

महाभारत की अनुसार माता कुंती ने कुंवारेपन में कर्ण को जन्म दिया था, लेकिन उन्होंने उसे त्याग भी दिया था।

कर्ण की पालन-पोषण एक सूत के घर में हुआ। इसलिए कर्ण सूत पुत्र कहलाए।

सूत का घर

कर्ण कौरवों के काफी करीब थे और दुर्योधन के परम मित्र थे। महाभारत युद्ध में कर्ण ने कौरवों की ओर से हिस्सा लिया था।

कौरवों के करीबी

जब कर्ण मृत्यु के समीप थे तब उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से तीन वरदान मांगे थे।

तीन वरदान

अगले जन्म में उसके वर्ग के लोगों का कल्याण करें।

पहला

श्रीकृष्ण अपना अगला जन्म कर्ण के राज्य में ही लें।

दूसरा

कर्ण ने कहा कि मेरा अंतिम संस्कार केवल वही व्यक्ति करें जो कि पाप मुक्त हो।

तीसरा

– उंगलियां चटकाने से क्या होता है, नुकसान?