कई उतार-चढ़ाव के बाद आज भी चुनावी लड़ाई लड़ने को तैयार JMM

By - Vidhi Sharma

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झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की स्थापना 4 फरवरी 1973 को बिनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन द्वारा की गई थी।

JMM स्थापना

झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी ने 1977 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1980 और 1985 में भी चुनाव लड़ा, पर पार्टी को जीत हासिल नहीं हुई।

पहला चुनाव

आपसी मतभेदों के चलते 1980 में JMM दो गुटों में बंट गया था। बिनोद बिहारी महतो का एक गुट तो शिबू सोरेन का दूसरा गुट ऐसा बंटवारा हुआ था।

दो गुटों में बट़वारा

शिबू सोरेन साल 2005 से 2010 के बीच तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। साथ ही मनमोहन सिंह सरकार में वे कोयला मंत्री भी रह चुके हैं।

शिबू सोरेन

1989 लोकसभा चुनाव में JMM ने पहली बार जीत हासिल की थी। जमशेदपुर, दुमका और राजमहल से पार्टी के 3 उम्मीदवार चुने गए थे।

पहली जीत

2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री पद संभाला था।  

मुख्यमंत्री पद

साल 2010 में बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार में शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन झारखंड के उप मुख्यमंत्री बने। 

हेमंत सोरेन

2013 को हेमंत सोरेन झारखंड के 9वें मुख्यमंत्री बने। 2019 में हेमंत सोरेन ने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था।

दूसरी बार मुख्यमंत्री