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By - Simran Singh
छत्तीसगढ़ में रहने वाली जनजाति में चचेरे या फुफेरे भाई लड़कियों की शादी करता है।
वहीं अगर शादी से न किया जाए तो भारी जुर्माने के तौर पर सजा दी जाती है।
भाई-बहन की शादी से जेनेटिक बीमारी बढ़ती है और आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर होता है।
वहीं अब युवा इस प्रथा के खिलाफ बगावत कर इसके खिलाफ आवाज उठा रहे है।
धुरवा जनजाति में अग्नि नहीं बल्कि पानी को साक्षी मानकर फेरे लेकर शादी की जाती है।