देश में होली का उत्साह मनाया जा रहा है, लेकिन इस बार यह त्योहार रमजान के जुमे पर आ रहा है।
ऐसे में यह सवाल आता है कि क्या इस्लाम में होली खेलना हराम है, जिस कारण से मुसलमान त्योहार में हिस्सा नहीं लेते।
माना जाता है कि मुसलमानों को होली की बधाई देना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन रंग खेलना इस्लामी मान्यताओं के खिलाफ है।
कुरान में सीधे तौर पर होली खेलने पर रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन रोजे के दौरान कोई भी बाहरी तत्व शरीर में प्रवेश न करें, ये जरूर कहा गया है।
माना जाता है कि रंग सिर्फ त्वचा पर लगाया जाए और शरीर के अंदर न जाए तो रोजा नहीं टूटता।
लेकिन गलती से रंग आंख, नाक या कान में जाने से रोजा खराब हो सकता है।
इस्लाम में होली खेलना जायज नहीं है, लेकिन इतिहास में सूफी और मुगल शासकों ने इसे अपनाया था।