By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
शाकाहारी होता है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया के तहत बनता है।
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लेकिन कुछ स्थितियों में इसे नॉनवेज माना जा सकता है, अगर गाय को मांस या मछली युक्त आहार दिया गया हो।
अमेरिका जैसे देशों में गायों को सस्ते प्रोटीन देने के लिए फिश मील, ब्लड मील (सूखे जानवरों का खून), और चिकन वेस्ट युक्त चारा दिया जाता है।
ऐसे चारे से गाय के दूध की पौष्टिकता पर खास असर नहीं होता, लेकिन नैतिक या धार्मिक दृष्टिकोण से इसे ‘नॉनवेज’ माना जा सकता है।
यह जानवरों के खून को सुखाकर बनाया गया एक सप्लीमेंट होता है, जिसे चारे में मिलाया जाता है।
भारत में गायों को दिया जाने वाला चारा आमतौर पर चोकर, भूसी, खल, चूनी और हरा चारा होता है, जो पूर्णतः शाकाहारी होता है।
इसलिए भारत में मिलने वाला दूध सामान्यतः वेज होता है, और धार्मिक दृष्टिकोण से स्वीकार्य माना जाता है।
गाय का दूध तभी "नॉनवेज" कहलाया जा सकता है जब उसके आहार में मांस या मछली जैसे अवयव शामिल हों, अन्यथा यह पूरी तरह शाकाहारी होता है।
प्रिय पाठक, यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अपनी धार्मिक या नैतिक मान्यताओं को प्राथमिकता दें।