By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
घर में मंदिर रखने के लिए यह दिशा सर्वश्रेष्ठ होती है, क्योंकि यह भगवान शिव का स्थान माना जाता है।
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अगर उत्तर-पूर्व में जगह न हो तो पूर्व दिशा में मंदिर बनाना अच्छा होता है, इससे सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
वास्तु अनुसार दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है, जो पूजा स्थल के लिए अशुभ होती है।
यह स्थान शुद्धता के लिहाज से उपयुक्त नहीं माने जाते।
मंदिर को हमेशा लकड़ी के स्टैंड या प्लेटफॉर्म पर रखें, जिससे उसका स्तर ऊँचा रहे।
मूर्तियों के पीछे थोड़ी जगह (कम से कम 2 इंच) छोड़ना चाहिए ताकि ऊर्जा का संचार बना रहे।
इससे सकारात्मक ऊर्जा और ध्यान शक्ति बढ़ती है।
5 से अधिक मूर्तियाँ रखना वास्तु अनुसार उचित नहीं माना जाता।
यह अग्नि कोण है, जहाँ दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
रोजाना सफाई करें और ताजे फूल, जल व प्रसाद चढ़ाएँ ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है और घर की सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है।
अगर जगह कम है तो लकड़ी का छोटा मंदिर दीवार पर उत्तर-पूर्व कोने में लगाएँ।