By: Preeti Sharma
NavBharat Live Desk
हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर का विशेष महत्व है। यह उनके सुहाग की निशानी मानी जाती है।
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विवाहित स्त्रियों का श्रृंगार सिंदूर के बिना अधूरा माना जाता है। इससे जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं।
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रामायण काल में सिंदूर का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि माता सीता इसे अपने श्रृंगार में उपयोग करती थीं।
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को रविवार, सोमवार और शुक्रवार को बाल धोकर सिंदूर लगाना चाहिए।
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मान्यताओं के अनुसार सिंदूर मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। विवाह के बाद पति द्वारा पत्नी की मांग में इसे पहली बार भरा जाता है।
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मां दुर्गा और माता लक्ष्मी की पूजा में भी 16 श्रृंगार में सिंदूर का महत्व अधिक है। इसका उपयोग जीवन में सुख समृद्धि लाता है।
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माना जाता है कि सुहागिन महिलाएं अपनी मांग में पति के नाम सिंदूर लगाती हैं तो इससे वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है।
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इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि सिंदूर पति पर आने वाले हर संकट को रोकने में भी मदद करता है।
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