By - Deepika Pal Image Source: Pinterest
यह एक संक्रामक रेस्पिरेटरी बीमारी है, जो हवा के जरिए फैलने की वजह से यह तेजी से फैल सकती है,फेफड़ों को पर असर डालती है।
यह वायरस अक्सर सर्दी जैसे लक्षणों का कारण बनता है, जिनमें खांसी, बुखार, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं।
कोरोनावायरस महामारी की तरह चीन में फैले इस वायरस एक बार फिर सभी को डराया है। श्मशान पर मौत का अंबार जैसी खबरें आई है।
यह वायरस 5 साल की उम्र से पहले हो रहा है तो वहीं इससे कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित को खतरा है।
इस खतरनाक वायरस की पहली बार पहचान 2001 में की गई थी। दुनियाभर में इस वायरस के मामले मिलते रहे है।
वायरस की पहचान होने के दो दशक बाद तक भी न तो इससे बचाव के लिए कोई टीका विकसित हो पाया है और न ही इसके लिए कोई विशिष्ट उपचार है।
वैसे भारत में इस वायरस की दशहत नहीं थी लेकिन बेंगलुरू में एक मामला मिला है। इसके चलते भारत में अलर्ट जारी है।