By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
भगवान शिव के पावन महीने सावन की शुरूआत जुलाई महीने से होने वाली है। क्या आप जानते है जल चढ़ाने का तरीका
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शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा शांत मन से बैठकर जल चढ़ाएं, भूलकर भी शिवलिंग पर खड़े होकर जल न चढ़ाएं।
शिवलिंग पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करें। आपका मुख पश्चिम या फिर दक्षिण दिशा की ओर ना हों।
शिवाभिषेक के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है लेकिन किसी स्टील के बर्तन से अभिषेक नहीं करें।
जल चढ़ाने के दौरान ऊं नम: शिवाय या महामृत्युजंय मंत्र का जाप करें।
सबसे पहले तांबे के लोटे में जल लेकर जलहरी के दाईं ओर चढ़ाएं, जिसे भगवान गणेश जी का स्थान माना गया है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने की प्रक्रिया में फिर बाईं ओर जल चढ़ाएं ये भगवान कार्तिकेय का स्थान माना गया है।
इसके बाद जलहरी के बीचों बीच जल चढ़ाया जाता है, ये शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का स्थान माना जाता है।
इसके बाद जलहरी के गोलाकार हिस्से में जल चढ़ाएं जिसे माता पार्वती का स्थान माना जाता है।
शिवलिंग में सबसे सबसे आखिरी में धीमे-धीमे जल चढ़ाएं।