Written By: Simran Singh
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4–5 बादाम, देसी घी – 1 छोटा चम्मच, स्टील या कांसे की कटोरी, रुई की बत्ती या दीपक, चिमटी (बादाम पकाने के लिए)
पानी में भिगोया हुआ रुई का टुकड़ा (धुआं पकड़ने के लिए), स्टील की प्लेट या मिट्टी का दीपक (धुआं इकठ्ठा करने के लिए), काजल स्टोर करने के लिए डिब्बी
रातभर बादाम भिगो सकते हैं और सुबह छील सकते हैं, लेकिन छिलका रहने पर भी बना सकते हैं।
कटोरी में थोड़ा सा घी डालें और उसमें रुई की बत्ती रखकर जलाएं। या बादाम को घी लगाकर सीधे जलाएं।
चिमटी में एक-एक बादाम को पकड़ें और धीमी आंच पर जलाएं जब तक वह पूरी तरह से जलकर राख न हो जाए।
जलते हुए बादाम के ऊपर उल्टी प्लेट या दीया रखें ताकि काले धुएं से कार्बन जमा हो सके – यही काजल है।
जब बादाम पूरी तरह जल जाए और प्लेट पर कार्बन जमा हो जाए, तो उसे चाकू या चम्मच की मदद से धीरे-धीरे खुरचें।
तैयार काजल को किसी छोटे कांच या स्टील के डिब्बे में स्टोर करें। 15–20 दिनों तक आराम से चल सकता है।
साफ उंगली या काजल स्टिक की मदद से हल्के हाथों से बच्चों की आंखों में लगाएं।