By - Simran Singh

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प्रेम कहानी

भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के प्रेम का एक-दूसरे काफी गहरा है।

राधारानी का विवाह भगवान श्रीकृष्ण से नहीं बरसाना के ही महापंडित उग्रपत के पुत्र अयन से हुआ था।

ब्रह्मावैवर्त पुराण 

उग्रपत राधारानी के पिता बृषभानु के परम मित्र थे और मदद करने के कारण बृषभानु जी ने उन्हें वर दिया जो वो कभी भी मांग सकते थे।

वरदान

वर में उन्होंने अयन के लिए राधारानी का हाथ मांग लिया।

मांगा हाथ

अयन राधारानी से विवाह के बाद भावी राजा बने लेकिन राधारानी ने कभी उसे पति का अधिकार नहीं दिया।

भावी राजा

एक बार छल से राधा जी को वो फल खिलाना चाहता था जिससे वह उनके वश में हो जाएं।

वश का फल

ऋषि दुर्वासा ने अयन को श्राप ​दिया कि यदि तुमने राधारानी का हाथ लगाया तो जलकर भस्म हो जाओगे।

अयन को श्राप

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