By - Simran Singh
Image Source: Freepik
राधारानी का विवाह भगवान श्रीकृष्ण से नहीं बरसाना के ही महापंडित उग्रपत के पुत्र अयन से हुआ था।
उग्रपत राधारानी के पिता बृषभानु के परम मित्र थे और मदद करने के कारण बृषभानु जी ने उन्हें वर दिया जो वो कभी भी मांग सकते थे।
वर में उन्होंने अयन के लिए राधारानी का हाथ मांग लिया।
अयन राधारानी से विवाह के बाद भावी राजा बने लेकिन राधारानी ने कभी उसे पति का अधिकार नहीं दिया।
एक बार छल से राधा जी को वो फल खिलाना चाहता था जिससे वह उनके वश में हो जाएं।
ऋषि दुर्वासा ने अयन को श्राप दिया कि यदि तुमने राधारानी का हाथ लगाया तो जलकर भस्म हो जाओगे।