By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
मान्यता है कि रूद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से निर्मित हुआ है। इसे धारण करने के नियम होते है।
All Source:Freepik
भगवान शिव के पवित्र रूद्राक्ष को धारण करने से नकारात्मक उर्जा दूर होती है। वहीं रोगों से छुटकारा मिलता है।
अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार के समय रुद्राक्ष को दूध से धोने के बाद सरसों का तेल लगाकर पहनना चाहिए।
रूद्राक्ष पहनना जितना जरूरी होता है उतना ही इसे कई स्थानों पर पहनना वर्जित होता है।
जहां पर किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई हो वहां रूद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष को सोने से पहले भी उतार देना चाहिए। शरीर अशुद्ध माना जाता है।
व्यक्ति को रुद्राक्ष पहनकर ऐसी जगह जाना भी नहीं चाहिए जहां पर मदिरापान होता है।
बच्चे के जन्म के एक माह का सौवर माना जाता है। इसलिए ऐसी जगह पर रुद्राक्ष पहनकर नहीं जाना चाहिए।
जहां पर गलत काम होते हो रुद्राक्ष को ऐसी जगह बिल्कुल भी नहीं पहनकर जाना चाहिए।