By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
यह दुनिया का पहला देश है जिसने आवारा कुत्तों को पूरी तरह समाप्त कर दिया है।
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इसके लिए उन्होंने CNVR (Catch–Neuter–Vaccinate–Return) कार्यक्रम, सख्त पालतू कुत्तों के अवैध छोड़ने पर कड़े कानून, और उच्च पेट टैक्स लागू किये।
14-वर्षीय कार्यक्रम के तहत, देश ने 100% आवारा कुत्तों का sterilization और vaccination पूरा किया है।
यह देश ऐसा पहला स्थान बना जहाँ आवारा कुत्तों को पूरी तरह सुरक्षित और वैज्ञानिक ढंग से नियंत्रित किया गया है।
मुख्य रूप से रेबीज़ (Rabies) नियंत्रण को लक्ष्य बनाकर, अनिवार्य पंजीकरण, बड़े पैमाने पर टीकाकरण, और सार्वजनिक रिपोर्टिंग प्रणाली लागू की गई।
बीजिंग में कुत्तों में एंटीबॉडी दर 80–86% पहुंच गई और 2021 से मानव रेबीज़ मामलों में गिरावट दर्ज है।
पहले CNVR के माध्यम से नियमन करने का प्रयास किया गया, लेकिन संसाधनों के अभाव और अपर्याप्त क्रियान्वयन से समस्या बनी रही।
2024 में यह देश एक विवादित कानून लेकर आया जिसमें कुत्तों को पकड़ना, आश्रय देना, नसबंदी और टीकाकरण के साथ, आक्रामक या बीमार कुत्तों के लिए euthanasia की अनुमति दी गई।
यहाँ sterilization, vaccination, adoption कार्यक्रमों को मिला कर पाँच वर्षों में आवारा कुत्तों में लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई।
No-kill नीति अपनाते हुए आश्रयों में रहने वाले कुत्तों को पुनर्वास (rehoming) के माध्यम से घर दिया जाता है। एक वर्ष में 30,000 कुत्तों को अपनाया गया जिससे euthanasia दर में लगभग 25% की कमी आई।
इन देशों में पंजीकरण, माइक्रोचिपिंग, TNR प्रोग्राम, और कड़ा पेट कानून लागू है। मजबूत अपनापन (adoption) की संस्कृति और छोड़ने पर जुर्माना लगाने से आवारा कुत्तों की संख्या काफी नियंत्रित है।