By -Deepika Pal
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हिमालय में आज भी ऐसी जड़ी बूटियां पाई जाती हैं, जो रोगों की रोकथाम के साथ ही रोगों से लड़ने की क्षमता भी पैदा करती है।
हिमालय क्षेत्र में पायी जाती है, इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीहेलमेंथिक प्रॉपर्टीज होती है।
औषधीय गुणों के कारण उत्तराखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों जैसे भोटिया, मारछा और बोक्सा जनजाति के लोगों द्वारा इसकी खेती की जाती है।
हिमालय क्षेत्र में 2 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह पौधा पाया जाता है।
इस पौधे के बीज से लेकर पत्ते और जड़ों में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं इसमें ही कार्बोनेटिक, एंटी हेलमेट्रिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी आती है।
यह पेट संबंधित रोग जैसे पेट दर्द, पेट में मरोड़ और पाचन संबंधित समस्याओं को भी ठीक करता है।