By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
भारतीय संस्कृति में पान का पत्ता शुभता, औषधीय गुणों और हमारी परंपरा का प्रतीक है। इसके स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
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चाहे कोई पूजा-पाठ हो, शादी-ब्याह या फिर कोई धार्मिक आयोजन में पान के पत्ते का महत्व होता है।
पान के पत्ते में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।
यह पेट की अम्लता को नियंत्रित करता है और गैस या अपच जैसी समस्याओं को कम करता है।
यह नेचुरल माउथ फ्रेशनर है जो एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह के जीवाणुओं को कम करते हैं। सांसों को ताजगी देतें है।
पान के पत्तों में विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। उम्र को धीमा करते है।
पान की बेल को घर में लगाना बेहद आसान है, क्योंकि इसकी बेल को ज्यादा तेज धूप पसंद नहीं होती।
आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश और मुंह की दुर्गंध की समस्या के लिए किया जाता है।