मानसून में डेंगू से रहें सावधान, दिखे ये लक्षण तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह

जब एडीज मच्छर किसी डेंगू के मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूस लेता है। डेंगू का वायरस खून के साथ मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है।

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डेंगू से ब्लड प्रेशर और रक्त प्लेटलेट्स में अचानक गिरावट से पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है।

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डेंगू का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है। सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं।

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डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो मच्छरों से फैलता है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं।

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डेंगू होने पर सबसे पहले मरीज को हल्का बुखार आना शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में रोगी का बुखार लगातार बना रहता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।

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बुखार के साथ अगर उल्टी और दस्त भी हो गए हैं तो ये डेंगू का ही लक्षण है।

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डेंगू का बुखार मच्छर से होता है, इसलिए जरूरी है कि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जाए। घर के आस-पास पानी एकत्रित ना होने दें।

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डेंगू के मच्छर सुबह और शाम के समय सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं। ऐसे में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें और अगर जरूरी हो तो बाहर निकलते समय खुद को पूरी तरह से ढक लें।

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रात के समय रात को मच्छरों से बचाव के तरीके यूज करें और खिड़की-दरवाजों पर जाली या पर्दे लगाएं। डेंगू के लक्षणों को अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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