बारिश शुरू होते ही आई फ्लू ने पकड़ा जोर, ऐसे करें बचाव!

बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा बैक्टीरिया पनपते हैं। वहीं दूसरी ओर कई बीमारियां भी घेर लेती हैं। इन्हीं में से एक है आई फ्लू। इसे कंजक्टीवाइटिस भी कहा जाता है।

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आंखों की यह बीमारी होने पर जलन, दर्द और लालपन जैसी परेशानी होती है। वैसे तो इस बीमारी का कारण एलर्जिक रिएक्शन है।

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बीते कुछ समय से लगातार आई फ्यू के मामले सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण कारण और बचाव के तरीके।

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मानसून में यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती है। इसे इन्फ्लूएंजा वायरस भी कहा जाता है, जो एक से दूसरे में फैलता है।

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कंजक्टीवाइटिस को 'पिंक आई' के रूप में भी जाना जाता है, इसमें आंखें सूजन युक्त हो जाती हैं।

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कंजक्टीवाइटिस के कारण अक्सर आंखों का सफेद भाग गुलाबी या लाल हो जाता है।

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आई फ्लू से बचने के लिए आंखों को बार-बार छूने से बचें और इसे साफ पानी से धोते रहें।

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आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से आई कॉन्टैक्ट से बचें।

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आंखों पर काला चश्मा लगाए और जितना हो सके मोबाइल और टीवी से दूर रहें।

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आंखों पर बर्फ से सिकाई करें, ताकि जलन और दर्द से राहत मिल सके।

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गुलाब जल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। इससे आंखें धोने से संक्रमण से छुटकारा मिलता है।

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आलू की तासीर ठंडी होती है, इसे पतले टुकड़ों में काट लें और रात को सोने से पहले आंखों पर रखें, फिर 10 मिनट बाद हटा दें और आंखों को ठंडे पानी से धो लें। आंखों की जलन खत्म हो जायेगी।

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केले के छिलके आंखों पर रखने से आंखों को ठंडक मिलेगी और संक्रमण दूर हो जाएगा।

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एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद डालें और अपनी आंखों को अच्छी तरह धो लें। इससे आंखों का संक्रमण दूर हो जाएगा।

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थोड़े से गर्म पानी में 2 चम्मच हल्दी डालें, फिर रुई की मदद से आंखों को पोंछ लें, इससे संक्रमण ठीक हो जाता है।

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हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को दूर करते हैं।

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