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By - Kirtesh Dhoble
Published August 17, 2024
रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव संसद में रेल दुर्घटनाओं को छोटी घटनाएं बताकर जिम्मेदारी से भाग रहे है।
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के कम से कम 20 डिब्बे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास शुक्रवार देर रात पटरी से उतर गए।
17 जून को पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस मालगाडी से टकराई, इसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हुए थे।
जमशेदपुर से 80 किमी दूर बड़ाबांबू के पास CSMT-हावड़ा रेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, इसमें 2 यात्रियों की मौत हुई और 20 घायल हुए।
बीती 18 जुलाई को गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 4 लोगों की जान गई और 30 लोग घायल हुए।
19 जुलाई को गुजरात के वलसाड में एक मालगाड़ी पटरी से उतरी
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 20 जुलाई 2024 को मालगाड़ी के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।
वहीं अगले दिन यानी 21 जुलाई को राजस्थान के अलवर में मालगाड़ी के 3 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी दिन बंगाल के राणाघाट में भी मालगाड़ी पटरी से उतरी थी।
29 जुलाई को बिहार के समस्तीपुर में बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस अन्य डिब्बों से अलग हुई थी।
बंगाल के उत्तर 24 परगना के खरदाह रेल्वे स्टेशन पर 14 जुलाई को दो कारें हज़ारदुआरी ट्रेन से टकराई थी।
ओडिशा के भुवनेश्वर में सोमवार 29 जुलाई को एक मालगाड़ी पटरी से उतरी थी।