ट्यूनीशिया से आ रहे हैं 3 अफ्रीकी हाथी
जामनगर : हमारे देश में तीन अफ्रीकी जंगली हाथी आ रहे हैं, जिसमें दो मादा और एक नर हैं, जिनकी उम्र 28 से 29 साल के बीच बतायी जा रही है। जल्द ही वंतारा में इनके लिए एक नया घर खोजा जा रहा। इन्हें भारत के जामनगर में स्थित दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव बचाव केंद्र में रखा जाएगा।
बताया जा रहा है कि अनंत मुकेश अंबानी द्वारा स्थापित इस वंतारा से ट्यूनीशिया के एक निजी चिड़ियाघर ने संपर्क किया था। वह चिड़ियाघर अपनी वित्तीय बाधाओं के कारण हाथियों के जटिल आहार, आवास और पशु चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ दिख रहा था।
ट्यूनीशिया से आ रहे हैं 3 अफ्रीकी हाथी
इनके बारे में बताया जा रहा है कि लगभग दो दशक से भी अधिक समय पहले, सिर्फ़ चार साल की उम्र में अचटम, कानी और मीना को बुर्किना फासो से ट्यूनीशिया के एक चिड़ियाघर फ्रिगुइया पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहाँ वे लगभग 23 वर्षों से आगंतुकों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र बने हुए थे। अब इनको भारत लाने के लिए वन्य जीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) की आवश्यकताओं सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों से संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करके एक चार्टर्ड कार्गो विमान के माध्यम से भारत ले जाया जाएगा।
इसे भी पढ़ें….पीएम मोदी का आज दो दिवसीय गुजरात दौरा, 280 करोड़ की परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास, जानें पूरा प्रोग्राम
फ्रिगुइया पार्क में एक प्रमुख आकर्षण होने के बावजूद, आर्थिक परेशानियों ने चिड़ियाघर को प्रभावित करना शुरू कर दिया, जिसके कारण तीन अफ्रीकी वन हाथियों को सेवानिवृत्त करने और लागतों की भरपाई करने का निर्णय लिया गया। चिड़ियाघर ने माना कि कई वर्षों की कैद और मानव देखभाल पर भारी निर्भरता के बाद, जंगल में वापस लौटना न तो संभव था और न ही वांछनीय। नतीजतन, उन्होंने एक ऐसी सुविधा की तलाश थी, जो हाथियों को एक शांतिपूर्ण और पूर्ण सेवानिवृत्ति का सबसे अच्छा मौका दे सके। एक ऐसी सुविधा और अच्छी देखभाल प्रदान करने के लिए वंतारा को चुना गया है।
इसे भी पढ़ें…. कच्छ में Diwali के मौके पर देश के जवानों को पीएम मोदी का संबोधन! दुश्मन की बातों पर नहीं, सेनाओं के संकल्प पर है भरोसा
अचटम नाम के हाथी का एक फटा हुआ दांत और एक दाढ़ का संक्रमण देखा गया है, जिसके लिए सावधानीपूर्वक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा की आवश्यकता है, जबकि कानी नाम के हाथी के नाखूनों में दरार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि संभवतः लंबे समय तक कठोर फर्श पर रहने के कारण ऐसा हो गया है।
अफ्रीकी वन हाथी (लोक्सोडोंटा साइक्लोटिस) मध्य और पश्चिम अफ्रीका के घने उष्णकटिबंधीय जंगलों के मूल निवासी हैं, ट्यूनीशिया में इस प्रजाति की कोई जंगली आबादी मौजूद नहीं है। वंतारा में उनका नया घर अचटम, कानी और मीना को ऐसा वातावरण प्रदान करेगा जो उनके जंगली आवास से काफी मिलता-जुलता होगा। साथ ही उनके शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण के लिए विशेष देखभाल भी प्रदान करेगा।