By - Shiwani Mishra
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फिर ये 50-60 पहले के शादी के कार्ड हों या फिर गाड़ियों और राशन के बिल, लोगों का ध्यान खूब खींच रहे हैं।
आज की डेट में लोग आने-जाने के लिए कैब्स का इस्तेमाल करते हैं। पार्किंग की झंझट से बचने के लिए ज्यादातर लोग पर्सनल कारों के बजाय कैब्स पर भरोसा करते हैं।
आप कोई कार लेने जाते हैं, तो इसकी कीमत 5-6 लाख तो पड़ ही जाती है। वो आजकल की नई जेनरेशन के लिए वाकई किसी अजूबे की तरह है।
ये एक विज्ञापन है, जो अखबार में छपा हुआ है। इसमें बताया गया है कि सबसे सस्ती और सबसे अच्छी शेवरोले मोटरकार को आप सिर्फ 2700 रुपये में खरीद सकते हैं।
इसके साथ ये भी बताया गया है कि ये कच्ची सड़कों के लिए बेहतरीन है। इसी ब्रैंड की 5 सीटर कार को 3675 रुपये में बेचा जा रहा है।
एक विज्ञापन लखनऊ में उपलब्ध कार का है तो दूसरा कलकत्ता, दिल्ली, लखनऊ और डिब्रूगढ़ तक डिलीवरी का आश्वासन दे रहा है।
वैसे तो आप प्रिंटिंग से ही समझ चुके होंगे कि ये विज्ञापन गुजरे ज़माने का है। कारों के मॉडल साल 1936 के हैं।
उनके दाम उस वक्त के हिसाब से दिए हुए हैं।लगभग एक सदी गुजरने वाली है, यही वजह है कि कारों के दाम में भी ज़मीन आसमान का फर्क आ गया है।