मिर्गी के पड़ते हैं दौरे तो आजमाएं ये योगासन, मिलेगी राहत!

खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से मिर्गी की शिकायतें बढ़ रही हैं। मिर्गी से जूझ रहे लोगों को अपनी दिनचर्या में कुछ योगासन जरूर शामिल करने चाहिए।

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मिर्गी के प्रमुख कारण में स्ट्रेस भी शामिल है। उत्तानासन के जरिए मेंटल स्ट्रेस कम होता है। स्ट्रेस को कम करके मिर्गी की समस्या से बचा जा सकता है।

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आगे की ओर झुककर खड़े हो जाएं और घुटने को बिना झुकाए पैरों को हाथों से पकड़ें। इससे स्पाइन और काल्फ मसल्स भी स्ट्रेच होती है। जिससे मसल्स से टेंशन रिलीज होती है।

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मत्स्यासन योगासन के जरिए स्ट्रेस कम करने में मदद मिल सकती है। इस आसन से मिर्गी के दौरों को कम किया जा सकता है।

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अगर मिर्गी के दौरे आते हैं तो हलासन जरूर करें, इससे चेस्ट और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

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जब मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, तब नर्व सेल गलत संकेत भेजते हैं। बालासन योग के जरिए सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम की कार्य प्रणाली में सुधार हो सकता है, जो मिर्गी रोकने में सहायता कर सकता है।

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शवासन से मानसिक स्वास्थ्य काफी अच्छा रहता है और इससे नर्वस सिस्टम भी रिलेक्स होता है।

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शवासन से नींद की समस्या में सुधार होता है, जो मिर्गी से बचने के लिए फायदेमंद है।

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अनुलोम-विलोम एक प्रकार का प्राणायाम और ब्रीथिंग एक्सरसाइज है। यह तंत्रिका तंत्र को आराम देता है, जो मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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