By - Deepika Pal
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माता दुर्गा के चौथे स्वरुप का नाम कुष्मांडा देवी है जिनका सबसे पसंदीदा फल कुम्हड़ा या कद्दू है।
राज्य के बस्तर में कद्दू को पूजा जाता हैं और यहां पर घर-घर में कद्दू देखने के लिए मिलेंगे।
बहुत से घरों में महिलाएं सीधे तौर पर कद्दू नहीं काटती हैं पुरुष इसे काटकर देते है।
कहते हैं कि, महिलाएं कद्दू, काशीफल या कुम्हड़ा को अपने बड़े बेटे जैसा समझती हैं इसलिए नहीं काटती।
हिंदू धर्म में कद्दू का पौराणिक महत्व विद्यमान हैं यानि पशुबलि की जगह कद्दू की बलि दी जाती है।
कद्दू के महिलाएं दो टुकड़े करवाती है जिसके बाद सब्जी के लिए इस्तेमाल किया जाता है किसी अन्य सब्जी के साथ काटते है।
रंग में कार्सीजेनिक एजेंट्स पाए जाते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।