12 अगस्त को क्यों मनाया जाता है 'विश्व हाथी दिवस', जानिए इसका महत्व!
विश्व हाथी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में हाथियों की लुप्त हो रही संख्या की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
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इसकी शुरुआत साल 2011 में सिम्म एंड एलिफेंट इंट्रोडक्शन फाउंडेशन द्वारा की गई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर विश्व हाथी दिवस मनाने की घोषणा 12 अगस्त 2012 को की गई।
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यह एक ऐसा अवसर है जब दुनिया भर के लोग हाथियों के महत्व को समझते हैं और उनके संरक्षण के लिए साझा प्रयास करते हैं।
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इस दिन कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जो लोगों को हाथियों के बारे में जागरूक करने में मदद करती हैं।
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विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य हाथियों के पुनर्वास, बेहतर स्वास्थ्य, हाथियों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना है।
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विश्व हाथी दिवस के माध्यम से लोगों को हाथियों के महत्व, उनके प्राकृतिक आवासों के महत्व और उनके संरक्षण के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाता है।
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हाथी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों की बात करें तो हाथी का बच्चा जन्म के 20 मिनट बाद ही अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है। एक स्वस्थ हाथी एक दिन में 150 किलो खाना खाता है और लगभग 80 गैलन पानी पीता है।
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वर्तमान में भारत के 14 राज्यों में लगभग 65 हजार वर्ग किमी में हाथियों के लिए कुल 30 वन क्षेत्र सुरक्षित और सरकार द्वारा संरक्षित हैं। हाथियों का गर्भकाल सबसे लंबा होता है। एक हथिनी लगभग 22 महीने तक गर्भवती रहती है।