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मंदिर में प्रवेश करते समय घंटानाद क्यों किया जाता है? जानिए इसका महत्व

पूजा के दौरान घंटी बजाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। 

सनातन धर्म 

पूजा-पाठ के दौरान घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमा में चेतना जागृत होती है। 

मान्यता 

मंदिर में प्रवेश से पहले और पूजा के दौरान घंटी बजाने से वातावरण चैतन्य हो उठता है।  शरीर में भी चेतना जाग्रत हो जाती है।

वातावरण

   घंटी के बजने से 'ॐ' की ध्वनि के समान आवाज गूंजती है जिसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

'ॐ' की ध्वनि

मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान घंटी बजाने से वातावरण में तेज कंपन उत्पन्न होता है, जिसकी वजह से आसपास के जीवाणु-विषाणु नष्ट हो जाते हैं।

 वैज्ञानिक कारण 

 घंटी की ध्वनि शरीर के सात चक्रों को सक्रिय कर देती है। 

सात चक्रों 

यह घंटी की ध्वनि देवी-देवताओं के सिद्धांत को बरकरार रखती है और बुरी ऊर्जाओं को दूर भगाती है।

नकारात्मकता नष्ट