ATM पिन चार अंकों का ही क्यों होता है? जानिए इसके पीछे की वजह

Source - File Photo

Source - File Photo

पहले ग्राहकों को पैसे निकालने के लिए बैंकों में घंटों कतार में खड़ा होना पड़ता था। लेकिन एटीएम की सुविधा से पैसा निकालना आसान है।

Source - File Photo

अब लोगअपने घर के पास किसी भी बैंक की एटीएम मशीन में जाकर आसानी से पैसा निकाल लेते हैं। लेकिन एटीएम से पैसा निकालने के लिए चार अंकों के पिन कोड की जरूरत होती है।

Source - File Photo

एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन में डालने के बाद चार अंकों का पिन कोड डाले बिना निकासी नहीं की जा सकती है, इसलिए यह चार अंकों का पिन कोड बहुत महत्वपूर्ण है।

Source - File Photo

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एटीएम का पिन कोड चार अंकों का ही क्यों होता है, तो आइए जानें...

Source - File Photo

अब हम चार अंकों का पिन कोड दर्ज करके एटीएम मशीनों से पैसा निकालते हैं, लेकिन शुरुआत में छह अंकों का पिन कोड दर्ज करके निकासी की जाती थी। 

Source - File Photo

क्योंकि चार अंकों के पिन कोड की तुलना में छह अंकों का पिन कोड सुरक्षा के लिहाज से बेहतर माना जाता था। 

Source - File Photo

लेकिन अक्सर लोगों को छह अंकों का पिन कोड याद नहीं रहता, ऐसे में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

Source - File Photo

अगर चार की जगह छह अंकों का पिन कोड हो तो किसी को दूसरे व्यक्ति का पिन जल्दी याद नहीं रहता। इससे पिन हैकिंग के चांस भी काफी कम हो जाते हैं।

Source - File Photo

एटीएम का चार अंकों का पिनकोड 0000 से 9999 के बीच होता है। यह 10000 अलग-अलग पिन नंबर तक स्टोर कर सकता है। जिसमें 20% लोगों के एटीएम पिन हैक होने की संभावना है। 

Source - File Photo

एटीएम का आविष्कार करने वाले का जन्म भारत में हुआ था। स्कॉटिश वैज्ञानिक जॉन एड्रियन शेफर्ड बैरोन ने 1969 में एटीएम मशीन का आविष्कार किया था। 

Source - File Photo

एड्रियन शेफर्ड बैरोन का जन्म पूर्वोत्तर भारत के शिलांग शहर में हुआ था। उनकी इस खोज ने आज लोगों को एक बड़ी समस्या से बचा लिया है।