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प्रयागराज को कहते है सप्तपुरियों का पति, यहां क्यों होता है महाकुंभ का आयोजन

प्रयागराज बहुत ही पवित्र स्थान माना गया है यहां तीन पवित्र नदियों का संगम और कुंभ का आयोजन किया जाता है।

पवित्र स्थान

प्रयागराज को तीर्थराज भी कहा जाता है जिसका अर्थ है तीर्थों का राजा। श्रेष्ठ तीर्थ प्रयागराज का वर्णन ब्रह्म पुराण में भी किया गया।

तीर्थराज

सभी तीर्थों की श्रेष्ठता की तुलना में एक पलड़े पर प्रयागराज को रखा गया और दूसरे पलड़े समस्त तीर्थ स्थानों को रखा गया लेकिन प्रयाग का पलड़ा भारी था।

श्रेष्ठता की तुलना

प्रयागराज को सप्तपुरियों का पति कहा जाता है, वहीं प्रयाग तीर्थों के नायक हैं और उनकी रानी काशी है। 

सप्तपुरियों का पति

संगम स्थल पर पवित्र तीनों नदियों का संगम होता है इसमें गंगा, यमुना, सरस्वती जिस वजह से इस स्थान केो त्रिवेणी संगम भी कहते हैं।

संगम

 प्रयागराज में भगवान विष्णु माधव रुप में विराजमान हैं।

देवता का वास

प्रयागराज में महाकुंभ स्नान से जन्मों के पापों का नाश होता है। 

पापों का नाश

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