पहली बारिश के बाद क्यों बढ़ जाती है उमस, जानिए कारण और इसके दुष्प्रभाव!
जब प्रचंड गर्मी के कारण पृथ्वी पूरी तरह से गर्म रहती है और बारिश की कुछ बूंदें उस पर गिरती है। तब पृथ्वी से भाप उठती है और इसी वाष्प की वजह से उमस होती है।
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बारिश के मौसम में जब हवा में नमी ज्यादा होती है, तो हमारी स्किन में नमी ट्रैप हो जाती है। इसी वजह से इस मौसम में गर्मी के साथ चिपचिपाहट की भी समस्या होती है।
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आमतौर पर हमारे शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन जब बाहर का तापमान ज्यादा होने लगता है तो शरीर को ठंडा करने के लिए शरीर से पसीना निकलने लगता है।
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उमस में यह प्रक्रिया तेज हो जाती है। यही वजह है कि उमस भरे मौसम में शरीर से पसीना तेजी से निकलता है।
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बहुत तेज उमस भरी गर्मी इंसानों के लिए घातक साबित हो सकती है।
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मानसून का असर मूड पर भी पड़ता है। इस दौरान ज्यादा उमस और गर्मी के कारण डिप्रेशन के लक्षण महसूस हो सकते हैं।
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उमस के बढ़ने के कारण अनिद्रा की समस्या हो सकती है। अगर वातावरण में ज्यादा गर्मी है, तो आपको एंग्जाइटी महसूस हो सकती है।
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नमी और गर्मी का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इस वातावरण में ज्यादा देर रहने से आपको ज्यादा गुस्सा आना या चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।