By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
नई दुल्हन गृह प्रवेश के दौरान अनाज से भरा कलश ठेलती है यह रस्म नहीं शास्त्रसम्मत प्रतीक है।
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भारतीय संस्कृति में दुल्हन को 'गृहलक्ष्मी' माना जाता है इसलिए लक्ष्मी का आगमन मानते है।
मानते है कि, वह लक्ष्मी रूप में घर में समृद्धि, अन्न, सौभाग्य और अधिकार का प्रवेश कर रही होती है।
दुल्हन जब दाहिने पैर से कलश को ठेलती है, तो यह एक शुभ प्रवेश होता है।
दुल्हन के पांव में जब गेरू या हल्दी मिले जल से रंग होता है और वो आंगन में प्रवेश करती है, लक्ष्मी का आगमन प्रतीत होता है।
कलश को ठेलना एक सम्मानजनक प्रवेश-अधिकार का प्रतीक है।
यह परंपरा नई दुल्हन को सहज बनाने और घर का हिस्सा मानने का तरीका है।
दाहिना पांव शुभता और मंगल कार्यों में पहले रखा जाता है। गृह प्रवेश की महत्ता होती है।