अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदते हैं सोना

Written By: Deepika Pal

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अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है जो इस बार 30 अप्रैल को है।

अक्षय तृतीया 

पौराणिक कथा के अनुसार मानते हैं कि, इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत वहीं पर कलयुग का आरंभ भी इसी तिथि से हुआ था।

  युग की शुरुआत

जिसका अर्थ है- जो कभी क्षय न हो यानी इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य, दान या पूजा अक्षय फल देने वाला होता है।

‘अक्षय’शब्द

मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती और परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

सोना खरीदना

इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की विशेष पूजा का भी विधान है। इस दिन ही  भगवान कुबेर को खजाना प्राप्त हुआ था। 

कुबेर देव

 इस दिन सगाई, शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, भूमि पूजन, वाहन खरीद, व्यवसाय आरंभ जैसे शुभ कार्य बिना किसी विशेष मुहूर्त के किए जा सकते हैं।

 अबूझ मुहूर्त

गंगा स्नान और गरीबों को अन्न, वस्त्र, जल, छाया आदि दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

पुण्य की प्राप्ति