By - Shiwani Mishra

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छींकना हमारे शरीर का एक नेचुरल प्रोसेस है जिसके जरिए हमारी नाक अपने आप को साफ करती है। 

कभी-कभी धूल या पाउडर जैसे कण नाक में चले जाते हैं, जिससे नाक में जलन होती है। 

कण

छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक जब कोई भी छींकता है तो उस समय उस व्यक्ति की आंखे बंद हो जाती हैं।

छींकना

और ये पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड्स में पूरी हो जाती है।इसके साथ ही जब हम छींकते हैं तो आवाज भी आती है।

प्रक्रिया

जिसके पीछे वजह ये है कि लंग्स में भरी हवा, छींक के माध्यम से बाहर निकलती है।

वजह

ऐसे में जो आवाज होती है, वो हवा निकलने की आवाज होती है, और जितनी अधिक हवा होगी, उतनी तेज आवाज भी आएगी।

तेज आवाज

छींकने के समय ट्राइजेमिनल नर्व (Trigeminal Nerve) एक्टिव हो जाती है। और ये नर्व आंखों को तुरंत बंद करने का संकेत भेजती है।

एक्टिव

 छींकते समय नाक और मुंह से बैक्टीरिया, वायरस, और धूल के कण बाहर निकलते हैं, इसलिए आंखें बंद होने से ये कण आंखों में जाने से बच जाते हैं।

वायरस