By - Shiwani Mishra
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जानवरों की आंखों में टैपेटम लुसिडम नाम की एक परत होती है, जो उनके रेटिना के पीछे स्थित होती है।
यह परत रोशनी को दोबारा रेटिना पर लौटाती है, जिससे आंखें ज्यादा प्रकाश अवशोषित कर पाती हैं।
इस प्रक्रिया की वजह से जानवरों की आंखें कम रोशनी में भी बेहतर तरीके से देख पाती हैं।
जब रोशनी सीधे जानवरों की आंखों पर पड़ती है, तो यह परत रोशनी को अलग-अलग रंगों में रिफ्लेक्ट करती है।
चमकने वाला यह रंग जानवर की प्रजाति, आंखों की संरचना और रोशनी के प्रकार पर निर्भर करता है।
जैसे बिल्ली की आंखों में हरा रंग अधिक देखा जाता है, जबकि कुत्तों में पीला या लाल।
इंसानों की आंखों में टैपेटम लुसिडम नहीं होता, इसलिए उनकी आंखों में ऐसा रिफ्लेक्शन नहीं दिखता।
हमारी आंखों की रचना दिन की रोशनी में देखने के लिए अनुकूलित है, जबकि जानवरों की आंखें रात में बेहतर देखने के लिए विकसित हुई हैं।