मुंह मोड़कर ढाबे पर काम करने लगे थे संजय मिश्रा? जानें 

By - Nikki Rai

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आखिर क्यों एक्टिंग से 

बॉलीवुड में ऐसे बहुत कम सितारे हैं, जिन्होंने अदाकारी के दम पर लोगों को अपना दीवाना बनाया है। 

बॉलीवुड 

आपको ऐसे ही एक स्टार के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने करियर के पीक पर एक्टिंग को अलविदा कह दिया था और फिर 150 रुपये की दिहाड़ी पर ढाबे पर काम करने लगे थे। 

एक्टिंग को अलविदा कहा

संजय मिश्रा की अदाकारी के लोग दीवाने हैं। सिल्वर स्क्रीन पर कॉमेडी करनी हो या फिर सीरियस रोल वो हर रोल में गजब के लगते हैं। 

संजय मिश्रा 

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की बारीकियां सीखने के बाद संजय मिश्रा साल 1991 में मुंबई पहुंच गए, लेकिन सफलता अब भी उनसे कोसों दूर थी। 

1991 में मुंबई आए

संजय मिश्रा का करियर अच्छा खासा चल रहा था। इस बीच पिता के निधन के बाद उन्हें बड़ा धक्का लगा।

पिता का निधन

वह एक झटके में सबकुछ छोड़कर मुंबई से ऋषिकेश पहुंच गए थे और फिर ढाबे पर कुछ रुपयों की दिहाड़ी पर काम करने लगे थे।

ऋषिकेश गए

कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में संजय मिश्रा ने खुद खुलासा किया था कि मन की शांति की तलाश में उन्होंने ऐसा फैसला लिया था।

मन की शांति

जिंदगी से शिकायत थी

उन्होंने कहा, ‘मुझे इंडस्ट्री से कोई शिकायत नहीं थी बल्कि मुझे अपनी जिंदगी से शिकायत थी। मेरी अपनी लाइफ को खो रहा था।

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