By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
कई मछलियों में पारा अधिक होता है, जिसे ज़्यादा खाने से शरीर में Mercury Toxicity हो सकती है। इससे सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर और याददाश्त की समस्या बढ़ सकती है।
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कुछ लोगों को झींगा, क्रैब आदि से एलर्जी हो सकती है। इसके लक्षण: लाल चकत्ते, सूजन, खुजली, सांस लेने में दिक्कत।
सीफूड अधिक खाने से गैस, एसिडिटी, उलटी, दस्त हो सकते हैं। खराब या बासी सी-फूड से फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
कई सी-फूड में सोडियम काफी ज्यादा होता है। ज़्यादा सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हृदय से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं।
झींगा और कुछ मछलियों में कोलेस्ट्रॉल अधिक पाया जाता है। ज़्यादा सेवन से दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
समुद्र के प्रदूषण के कारण कुछ मछलियों में केमिकल, प्लास्टिक माइक्रोपार्टिकल्स और टॉक्सिन्स हो सकते हैं। ये शरीर में जमा होकर लंबी अवधि में नुकसान पहुंचा सकते हैं।
तला हुआ या बटर में पका सी-फूड बार-बार खाने से कैलोरी इंटेक बढ़ जाता है। मोटापा और फैटी लिवर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हाई प्रोटीन डाइट किडनियों पर भार डाल सकती है। पहले से किडनी रोग वाले लोगों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए।