By - Simran Singh
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हिंदू धर्म में व्रत और उपवास के अर्थ अलग- अलग होते है।
व्रत एक चीज के लिए संकल्प लेकर पूरे दिन भूखे रहकर भगवान की आराधना करना है, इसमें आप सिर्फ एक ही समय खाना खा सकते हैं।
उपवास में बिना आहार ग्रहण करें हुए शुद्ध मन से ईश्वर के पास रहने की कोशिश करना उपवास है।
व्रत करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति, आत्मिक बल और स्व-नियंत्रण में बढ़ाने में मदद मिलती है।
उपवास में ध्यान ईश्वर में लगाने से इंद्रियां उसके वश में हो जाती हैं।