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प्रयागराज में महाकुंभ मेले की शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में नागा साधु सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
नागा साधु हमेशा नग्न रहते हैं और रोजमर्रा के जीवन में कठोर नियमों का पालन करते हैं।
नागा साधुओं का संसार और गृहस्थ जीवन से कोई लेना देना नहीं है।
नागा साधु हमेशा अपने साथ त्रिशूल, डमरू, शंख, कुंडल, कमंडल, कड़ा, चिलम, चिमटा, तलवा और रुद्राक्ष जैसी चीजों को रखते हैं।
नागा साधु सुबह 4 बजे उठते हैं और स्नान के बाद श्रृंगार करते हैं। इसके बाद वह हवन करते हैं।
नागा साधु पूरे दिन में सिर्फ एक बार यानी शाम के समय ही भोजन ग्रहण करते हैं।
कुछ नागा साधु तप के लिए हिमालय और ऊंचे पहाड़ों पर जीवन व्यतीत करते हैं। वहीं कुछ आश्रम और मंदिरों में रहते हैं।
नागा साधु सर्दी हो या गर्मी सारा जीवन नग्न रहकर गुजारते हैं। वह अंतिम प्रण लेने के बाद लंगोट त्याग देते हैं।