पैरों में सोना पहनने से हो सकता है आपको भारी नुकसान

25 July 2025

By: Simran Singh

NavBharat Live Desk

हिंदू संस्कृति में सोने को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और उसे सिर या ऊपरी शरीर में धारण करना शुभ माना जाता है। पैरों में पहनना इसे अपवित्र करना माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के विरुद्ध

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ऐसा माना जाता है कि सोने को पैरों में पहनने से उसकी सकारात्मक ऊर्जा नीचे की ओर चली जाती है, जिससे उसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है।

नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव 

आयुर्वेद के अनुसार सोना शरीर में गर्मी पैदा करता है। पैरों में इसे पहनने से नसों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है और ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है।

स्वास्थ्य पर असर

पैरों में लगातार धूल, मिट्टी और नमी के संपर्क में रहने से सोना जल्दी खराब या काला पड़ सकता है।

धातु का जल्दी खराब होना

शरीर के ऊपरी भाग में सोना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, लेकिन पैरों में पहनने से यह ऊर्जा अवरुद्ध हो सकती है।

ऊर्जा संतुलन बिगड़ना

कई समुदायों में सोने को पैरों में पहनना सामाजिक रूप से अस्वीकार्य माना जाता है और इसे अपमानजनक समझा जाता है।

पारंपरिक और सामाजिक विरोध

ज्योतिष और तंत्र शास्त्र के अनुसार सोना पहनने से शरीर के विशिष्ट ऊर्जा केंद्र (चक्र) सक्रिय होते हैं, लेकिन पैरों में पहनने से ये चक्र असंतुलित हो सकते हैं।

चक्रों पर प्रभाव

पैरों में सोना पहनना धार्मिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं माना जाता। अगर आपको ज़ेवर पहनना पसंद है, तो चांदी या अन्य धातुएं पैरों के लिए अधिक अनुकूल मानी जाती हैं।

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