'शिव शक्ति' पॉइंट के पास आराम फरमा रहे हैं विक्रम और प्रज्ञान, 22 सितंबर कोटूटेगी नींद!
चंद्रमा पर एक रात पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होती है। चंद्रमा पर अंधेरा होने के कारण लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को शिवशक्ति पॉइंट पर रोक दिया गया है।
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रोवर प्रज्ञान पर लगे दोनों पेलोड APSX और LIBS को भी बंद कर दिए हैं। इसके जरिए ही रोवर प्रज्ञान जुटाए गए डेटा को व्रिकम लैंडर के जरिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को भेज रहा था।
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सौर ऊर्जा से चलने वाले रोवर और लैंडर का रात के वक्त कार्य करना मुमकिन नहीं है। ऐसे में प्रज्ञान और विक्रम को स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है।
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चंद्रमा पर अब 22 सितंबर, 2023 को सुबह यानी सूर्योदय के बाद लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर को एक्टीव मोड में डाल दिया जाएगा।
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रोवर-लैंडर को चांद पर इस तरह पार्क किया गया है, ताकि सूर्योदय के बाद सूरज की किरणें सीधे दोनों के सोलर पैनल पर पड़ें, अगर ऐसा हुआ तो दोनों फिर से कार्य करना शुरू कर देंगे।
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ISRO के मुताबिक पिछले 10 दिनों में रोवर प्रज्ञान ने शिवशक्ति प्वाइंट पर उतरने के बाद से अबतक 100 मीटर की दूरी तय कर ली है।
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विक्रम और प्रज्ञान ने चंद्रमा पर अब तक जो जानकारी एकत्र की है, उसमें चंद्रमा पर रासायनिक मिश्रण, मिट्टी के प्रकार, तापमान में बदलाव, भूकंप आदि से संबंधित जानकारीशामिल है।
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विक्रम लैंडर ने इसरो को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव की सतह पर सल्फर, एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम के मौजूद होने की भी जानकारी दी थी।