इनके दर्शन बिना अधूरी मानी जाती है 'मां वैष्णो देवी' की यात्रा

जम्मू से लगभग 14 किलोमीटर दूर नगरोटा में स्थित कौल कंडोली मंदिर भी एक देवी का मंदिर है।

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जम्मू से लगभग 14 किलोमीटर दूर नगरोटा में स्थित कौल कंडोली मंदिर भी एक देवी का मंदिर है।

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर लगभग 12 वर्षों तक तपस्या करने के बाद देवी मां पिंडी के रूप में यहां विराजमान हुईं।

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पुरानी कथाओं की मानें तो जब पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान यहां से गुजर रहे थे, तब उन्होंने यहां पूजा की थी और इस मंदिर की खोज की ।

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दरअसल, उनकी भक्ति भावना से प्रसन्न होकर देवी मां ने उन्हें सपने में यहां मंदिर बनाने के लिए कहा था।

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पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, मंदिर के निर्माण के दौरान भीम को बहुत प्यास लगी। 

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लेकिन आस-पास पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण देवी मां मंदिर के पीछे गईं और एक कटोरे में पानी की व्यवस्था की।

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कहा जाता है कि यह कटोरा इतना चमत्कारी था कि हजारों लोगों के पानी पीने के बाद भी यह खाली नहीं हुआ।

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कहा जाता है कि यह कटोरा इतना चमत्कारी था कि हजारों लोगों के पानी पीने के बाद भी यह खाली नहीं हुआ।

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ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस कुएं का पानी पीता है उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं।

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी मां आज भी इस स्थान पर निवास करती हैं और एक कन्या के रूप में हैं।

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी मां आज भी इस स्थान पर निवास करती हैं और एक कन्या के रूप में हैं।

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इसलिए इनके दर्शन के बिना वैष्णो देवी की यात्रा अधूरी मानी जाएगी।

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