चौंका देंगे जगन्नाथ मंदिर के अनसुलझे रहस्य

17 June 2025

By: Deepika Pal

NavBharat Live Desk

 ओडिशा के पुरी में स्थित यह मंदिर भारत का प्रसिद्ध मंदिर है। आस्था का केंद्र होने के साथ यहां कई अनसुलझे रहस्य है।

जगन्नाथ मंदिर

All Source:Freepik

एक रहस्य मंदिर में यह छिपा है कि मंदिर की मुख्य संरचना की छाया नहीं पड़ती। सूर्य चारों ओर घूमता है।

मंदिर की छाया 

बंगाल की खाड़ी पर मंदिर बना है लेकिन समुद्र की तेज लहरों की आवाज मंदिर द्वार तक नहीं पहुंचती है।

समुद्र की लहर

जगन्नाथ मंदिर की रसोई 24 घंटे खुली रहती है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहते है और 56 प्रकार के भोग बनते है।

रसोई

मंदिर के शीष पर 2200 किलोग्राम वजन का नीलचक्र लगा है। कहते हैं इस पर  गुरूत्वाकर्षण का नियम काम नहीं करता है।

 नीलचक्र

हवा की विपरित दिशा में झंडा मंदिर का लहराता है। बिना मंदिर पर चढ़े 800 साल से झंडा बदलते है।

झंडा

मंदिर के ऊपर कभी भी कोई पक्षी और विमान नहीं उड़ते है इसका रहस्य बना हुआ है।

पक्षी

हवा का बहाव दिन में समुद्र से जमीन की ओर होना चाहिए और रात को जमीन से समुद्र की ओर लेकिन यहा सब विपरीत है।

हवा का बहाव

मंदिर के ऊपर टिका सुदर्शन चक्र हर दिशा से एक जैसा ही नजर आता है।

सुदर्शन चक्र

 हर साल भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा की पुरानी मूर्तियां नष्ट हो जाती हैं इसलिए अनुष्ठान के साथ नई मूर्तियां स्थापित करते है।

नई मूर्तियां