By: Deepika Pal
NavBharat Live Desk
ओडिशा के पुरी में स्थित यह मंदिर भारत का प्रसिद्ध मंदिर है। आस्था का केंद्र होने के साथ यहां कई अनसुलझे रहस्य है।
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एक रहस्य मंदिर में यह छिपा है कि मंदिर की मुख्य संरचना की छाया नहीं पड़ती। सूर्य चारों ओर घूमता है।
बंगाल की खाड़ी पर मंदिर बना है लेकिन समुद्र की तेज लहरों की आवाज मंदिर द्वार तक नहीं पहुंचती है।
जगन्नाथ मंदिर की रसोई 24 घंटे खुली रहती है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहते है और 56 प्रकार के भोग बनते है।
मंदिर के शीष पर 2200 किलोग्राम वजन का नीलचक्र लगा है। कहते हैं इस पर गुरूत्वाकर्षण का नियम काम नहीं करता है।
हवा की विपरित दिशा में झंडा मंदिर का लहराता है। बिना मंदिर पर चढ़े 800 साल से झंडा बदलते है।
मंदिर के ऊपर कभी भी कोई पक्षी और विमान नहीं उड़ते है इसका रहस्य बना हुआ है।
हवा का बहाव दिन में समुद्र से जमीन की ओर होना चाहिए और रात को जमीन से समुद्र की ओर लेकिन यहा सब विपरीत है।
मंदिर के ऊपर टिका सुदर्शन चक्र हर दिशा से एक जैसा ही नजर आता है।
हर साल भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा की पुरानी मूर्तियां नष्ट हो जाती हैं इसलिए अनुष्ठान के साथ नई मूर्तियां स्थापित करते है।