बिहार का अनोखा मंदिर जहां लोग करते हैं आत्म पिंडदान

बिहार के गया में स्थित यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है, जहां आत्म पिंडदान किया जाता है।

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ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति अपना पिंड दान देता है, उसे अगली दुनिया में मोक्ष मिलता है।

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वायु पुराण, गरुड़ पुराण और विष्णु पुराण में इस स्थान को मोक्ष भूमि और मोक्ष स्थली कहा गया है।

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हजारों साल पुराने इस मंदिर का नाम 'विष्णु जनार्दन स्वामी मंदिर' है।

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इस मंदिर की खासियत यह है कि एक चट्टान पर बना यह भगवान विष्णु की जनार्धन के रूप में प्रतिमा है।

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जो लोग पिंडदान करते हैं वे स्वयं भगवान विष्णु के दाहिने हाथ में पिंड अर्पित करते हैं।

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इस मंदिर में जनार्दन रूप में भगवान विष्णु पिंड स्वीकार करने की मुद्रा में हैं और उनका हाथ खुला है, जिसमें वे आत्म पिंडदान स्वीकार करते हैं।

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यह मंदिर गया जी की 45 वेदियों में से एक वेदी के रूप में विख्यात है।

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आत्म पिंडदान करने के बाद संबंधित व्यक्ति को धार्मिक तौर पर दान कर्मकांड करने पड़ते हैं, जो आत्म पिंडदान के तुरंत बाद किया जाता है।

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आत्म पिंडदान करने का एक कारण यह भी है कि जिनकी कोई संतान नहीं होती, वे यह कार्य स्वयं करते हैं, ताकि मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष मिल सके।

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इस मंदिर की एक अनोखी मान्यता यह भी है कि यहां आने वाले लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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Disclaimer: इस लेख में मौजूद जानकारी विश्वसनीय होने की गारंटी नहीं है। यह जानकारी विभिन्न माध्यमों से एकत्रित कर आपके समक्ष प्रस्तुत की गई है। हमारा उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है।

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