इस बार देव दिवाली पर कृतिका नक्षत्र और शिव योग का शुभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त

काशी में देव दिवाली का विशाल त्योहार इस साल 27 नवंबर को मनाया जाएगा।

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पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देवाधिदेव महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था।

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इस दिन, देवी पार्वती ने दुर्गा के रूप में महिषासुर को मारने की शक्ति प्राप्त की थी।

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इस दिन भगवान विष्णु ने गोधूलि बेला में मत्स्य अवतार लिया था।

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इन तीनों अवसरों पर देवताओं ने काशी में दिवाली मनाई थी।

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इस दिन महादेव और भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव पुत्र कार्तिकेय की पूजा का विशेष महत्व है।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर को दोपहर 3.54 बजे लगेगी जो 27 नवंबर को सुबह 2.46 बजे तक रहेगी।

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26 नवंबर को दिन में 2:06 बजे तक भरणी नक्षत्र रहेगा।

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फिर कृतिका नक्षत्र लगेगा जो 27 नवंबर की दोपहर 1:36 बजे तक रहेगा।

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शिवयोग 26 नवंबर की दोपहर 1:36 बजे से 27 नवंबर की रात 11:38 बजे तक रहेगा।

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पूर्णिमा के दिन कृत्तिका नक्षत्र और शिवयोग का अनोखा संयोग विशेष फलदायी बन गया है।

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कार्तिक मास के प्रथम दिन से शुरू हुए धार्मिक नियम और संयम 27 नवंबर को समाप्त होंगे।

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