हजार साल से बिना नींव के खड़ा है ये मंदिर, क्या है इसका रहस्य?
तमिलनाडु के तंजौर शहर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
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इसका निर्माण चोल शासन के महान शासक राजाराम प्रथम ने कराया था। इस मंदिर को करीब साल 1003 से 1010 से बीच बनाया गया है।
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मंदिर करीब 13 मंजिल ऊंचा है, जिसकी ऊंचाई करीब 66 मीटर है। हर मंजिल एक आयताकार शेप में है, जिन्हें बीच में खोखला रखा गया है।
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मंदिर को बने 1 हजार साल से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन आज तक तक मंदिर अपनी जगह से डिगा तक नहीं है।
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खास बात ये है कि इस मंदिर की कोई नींव नहीं है, देखने में यह मंदिर पिरामिड के आकार का लगता है।
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इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य इसकी वास्तुकला है, जो बिना नींव और बिना जोड़ के बनाया गया है।
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इस मंदिर में लगे पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए किसी चूने या सीमेंट का सहारा नहीं लिया गया है।
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बल्कि पत्थरों के खांचे काटकर उन्हें आपस में फंसा कर जोड़ा गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के गुंबद की कोई परछाई नहीं बनती है।
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मंदिर के गुंबद का वजन करीब 88 टन है, जिसे केवल एक ही पत्थर से बनाया गया है। गुंबद के ऊपर करीब 12 फुट का स्वर्ण कलश रखा हुआ है।
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