By - Simran Singh
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इस चक्र को शिव जी ने बनाया है। जब दैत्यों का अत्याचार बढ़ा तो सभी विष्णु जी के पास मदद के लिए आए।
विष्णु जी जब मदद नहीं कर सके तो भगवान शिव की आराधना और वह शिव के नाम का जाप करते हुए कमल चढ़ाते थे।
विष्णु जी की तपस्या देख शिव जी प्रसन्न हुए और उन्होंने विष्णु जी की परीक्षा लेते हुए एक कमल का फूल माया से छिपा दिया। विष्णु जी ने फूल ढूंढ लेकिन उन्हें नहीं मिला।
जब विष्णु जी को फूल नहीं मिला तो उन्होंने अपना एक नेत्र निकालकर फूल की जगह रख दिया। विष्णु जी का ये बलिदान देख शिव जी प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया।
भगवान शिव ने सुदर्शन चक्र प्रगट किया और विष्णु जी को दे दिया
विष्णु जी के श्री कृष्ण और परशुराम सुदर्शन को चला चुके हैं। इसके अलावा विष्णु के वराह अवतार के पास भी ये चक्र था।