एक दौर था जब बाहुबली मुख्तार अंसारी की बोलती थी तूती, जानें पूरी कहानी...
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विधायक मुख्तार अंसारी की फिल्मी लेकिन खौफ की सच्ची कहानी है। उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में मुख्तार अंसारी के आगे किसी की नहीं चलती थी। हत्या, रंगदारी, गैंगस्टर टैक्स, अपहरण समेत कई काले धंधों दिया था अंजाम।
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मुख्तार अंसारी का फैमिली हिस्ट्री सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान। दादा कांग्रेस के अध्यक्ष तो नाना मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं।
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मुख्तार अंसारी मुख्य रूप से मखनूसिंह गैंग का सदस्य था, जिसके 1980 के दशक के बाद से साहिब सिंह गैंग के साथ कई खूनी संघर्ष हुए हैं। साहिब सिंह गैंग का मुखिया बृजेश सिंह था, जिसने बाद में अपना गैंग बनाया और 1990 के दशक में गाजीपुर में ठेका माफिया बन गया।
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बेताज बादशाह मुख्तार अंसारी मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर में कुख्यात अपराधी के रूप में जाना जाता था। लेकिन उन्होंने 1995 में आपराधिक दुनिया से राजनीति में कदम रखा। और 1996 में विधायक भी बने।
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सारी और बृजेश सिंह आमने-सामने थे। अंसारी की रैली पर बृजेश सिंह ने हमला किया था। तभी भारी फायरिंग में अंसारी के 3 लोगों की मौत हो गई। बृजेश सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अफवाह थी कि उनकी मृत्यु हो गई है।
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जब अंसारी जेल में थे, तब कृष्णानंद राय और उनके 6 साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने एके 47 से करीब 400 राउंड फायरिंग की। 7 लाशों से 67 गोलियां मिली हैं। मृतकों के शरीर सचमुच छलनी थे।
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मुख्तार अंसारी, जो पहली बार 2007 में बसपा विधायक बने, ने सभी आरोपों में दोषी नहीं होने का अनुरोध किया है। इसके बाद मायावती ने उन्हें गरीबों का मसीहा कहा। यह तब था जब अंसारी की छवि रॉबिनहुड के रूप में स्थापित हुई थी।
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मुख्तार अंसारी के दो बच्चे हैं और दोनों करोड़पति हैं। दोनों बच्चों के पास 3 करोड़ 69 लाख रुपए की संपत्ति है। बेटा अब्बास 2 करोड़ 20 लाख और दूसरा बेटा उमर 1 करोड़ 45 लाख का मालिक है।
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फिलहाल 16 साल पुराने मामले में कोर्ट ने माफिया को 10 साल की सजा सुनाई है और 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने यह फैसला गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनाया है।