केदारनाथ ज्योतिर्लिंग में दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है बद्रीनाथ की यात्रा

उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में स्थित केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ ही चार धाम और पंच केदार में से भी एक है।

Photo: Freepik

यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर केवल अप्रैल से नवंबर माह के बीच ही दर्शन के लिए खुलता है।

Photo: Freepik

इस मंदिर का निर्माण पांडव वंश के जनमेजय ने करवाया था, फिर बाद में इसका जीर्णोद्धार आदि शंकराचार्य ने करवाया।

Photo: Freepik

पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है, उसकी यात्रा असफल हो जाती है।

Photo: Freepik

यहां स्थित बाबा भैरवनाथ का मंदिर विशेष महत्व रखता है।

Photo: Freepik

सनातन धर्म में केदारनाथ को अद्भुत ऊर्जा का केंद्र माना गया है। पहाड़ियों से घिरे केदारनाथ तीर्थ की महिमा अनोखी है।

Photo: Freepik

केदारनाथ जी का मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए सुबह 6:00 बजे खुलता है। दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक विशेष पूजा होती है और उसके बाद विश्राम के लिए मंदिर बंद कर दिया जाता है।

Photo: Freepik

पुनः शाम 5 बजे मंदिर को जनता के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर रात 8:30 बजे बंद कर दिया जाता है।

Photo: Freepik

मंदाकिनी के घाट पर बने केदारनाथ मंदिर में अंदर घना अंधेरा रहता है और शंकर जी के दर्शन केवल दीपक के सहारे ही होते हैं।

Photo: Freepik

मंदिर के पीछे कई कुण्ड हैं, जिनमें आचमन तथा तर्पण किया जा सकता है।

Photo: Freepik