गर्मियों में बढ़ जाता है साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे रहे सतर्क

Caption: Social Media

गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इन्हीं में से एक है साइलेंट हार्ट अटैक। यानी अटैक बिना किसी लक्षण के आता है।

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साइलेंट हार्ट अटैक वह स्थिति है, जब हार्ट अटैक के लक्षण बहुत कम दिखाई देते हैं या पता नहीं चलते। इस तरह का हार्ट अटैक काफी रिस्की होता है, क्योंकि मरीज को इससे बचने का समय नहीं मिल पाता।

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सांस लेने में दिक्कत आना या सांस फूलना जैसे लक्षण को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। 

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क्योंकि मरीज को ऐसा लगता है कि वो ज्यादा कामकाज की वजह से काफी थक गया है या गर्मी से सांस फूल रही है। लेकिन ये साइलेंट अटैक का लक्षण हो सकता है।

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गर्मी में हाथ, पैर, जबड़े, कंधे या पीठ में दर्द को लोग सामान्य लक्षण समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।

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इसके साथ ही अगर पेट में दर्द हो या पेट खराब हो तो तुरंत टेस्ट करवाना चाहिए। लेकिन ये साइलेंट अटैक का लक्षण हो सकता है।

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सीने में चुभन और छाती पर दबाव जैसा महसूस होने पर अक्सर लोग इसे एसिडिटी समझ लेते हैं और टेस्ट नहीं कराते हैं।

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अगर सीने में भारीपन और चुभन महसूस हो तो तुरंत टेस्ट करा लेना चाहिए। लेकिन ये साइलेंट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।

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साइलेंट हार्ट अटैक में मरीज को ठंडा पसीना आता है। गर्मी के मौसम में पसीने आने को लोग सामान्य मानते हैं, इसलिए ठंडा पसीना आने पर भी लोग टेस्ट नहीं कराते हैं।

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अगर किसी को ठंडा पसीना आ रहा हो और साथ में घबराहट भी हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। क्योंकि ये अटैक के लक्षण हो सकते हैं।