पाकिस्तान में एक महिला भीड़ का शिकार बनने वाली थी, लेकिन महिला पुलिस ने उसे भीड़ से बचने का साहसिक काम किया।

महिला ने जो लिबास पहना था वो लोगों को आपत्तिजनक लग रहा था, इसलिए भीड़ ने उन्हें घेर लिया और पैगंबर के अपमान का आरोप लगने लगे।

सोमवार की दोपहर को लाहौर के एक होटल में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। स्थानीय महिला के लिबास को लेकर दंपति से खफा हो गए थे।

महिला की ड्रेस पर अरबी भाषा में प्रिंट था, जिसे कुछ लोगों ने कुरान की आयत समझा और महिला पर ईशनिंदा का आरोप लगा दिया।

सही समय पर पहुंची लाहौर पुलिस की महिला अफसर सैयदा शहर बानो नकवी ने भीड़ को चेताया और महिला को वहां से निकाल लिया।

हालांकि महिला खुद मुस्लिम समुदाय से है और उसे खुद पता नहीं था कि लिबास पर क्या लिखा है उसने भीड़ से माफ़ी भी मांगी।

सोशल मीडिया यूज़र्स ने बताया कि यह सऊदी अरब में शालिक रियाज़ नाम के महिला के कपड़ों का एक ब्रांड है। जहां ये एक आम डिज़ाइन है।

महिला के परिधान पर लिखे अरबी शब्द का मतलबा 'हलवा' यानी मीठा है, इसका पैगंबर से कोई लेना देना नहीं है।

पाकिस्तान उलेमा काउंसिल ने भी भीड़ की हरकत को गलत बताया है और महिला पुलिस की सरहना की है, ये मुद्दा पकिस्तान में तेजी से वायरल हुआ था।

नकवी की पंजाब सीएम मरियम नवाज ने जमकर तारीफ की है, तो लाहौर पुलिस ने उनका नाम बहादुरी के मेडल के लिए भेजने का वादा किया है।

नकवी की सूझबूझ से रुकी संभावित हिंसा के लिए सोशल मीडिया पर लोग उनकी जमकर तारीफ़ कर रहे हैं, महिला को परेशान करने वालों से माफ़ी की मांग भी की गई है।

ये कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान में ईशनिंदा के खिलाफ भीड़ बेकाबू हुई। पहले भी ऐसे मामले हुए हैं और हाल के दिनों में इसमें बढ़त हुई है।