By: Preeti Sharma
NavBharat Live Desk
नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
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शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के मां ब्रह्मचारिणी स्वरुप की पूजा होती है।
मां ब्रह्मचारिणी तपस्या, संयम और ब्रह्मचर्य का प्रतीक मानी जाती हैं।
इस दिन काशी के दुर्गा घाट और ब्रह्माघाट पर प्राचीन मंदिरों में भारी भीड़ लगती है।
पुराणों के अनुसार उन्होंने कठोर तप करके भगवान शिव को पति के रुप में प्राप्त किया था।
कथा के अनुसार पार्वती जी ने शिव जी को पाने के लिए कठोर तप किया और ब्रह्मचारिणी कहलाईं।
मां की पूजा भक्तों को कठिन परिस्थितयों में धैर्य, संयम और आत्मबल सिखाती है।
मां ब्रह्मचारिणी भक्तों को जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने की शक्ति देती हैं।