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By - Simran Singh
गुरु द्रोणाचार्य को उन्होंने दक्षिणा में अपना अंगूठा काटकर दे दिया था।
क्या आप जानते हैं कि एकलव्य श्रीकृष्ण के चचेरे भाई थे?
एकलव्य श्रीकृष्ण के पिता वासुदेव के भाई देवश्रव के पुत्र थे, लेकिन बचपन में ही उन्हें निषाद राज को सौंप दिया गया था।
रुक्मणी हरण में एकलव्य की मृत्यु हो गई थी।
श्रीकृष्ण ने उन्हें द्रोणाचार्य से बदला लेने के लिए पुनर्जन्म का वरदान दिया।
एकलव्य ने द्रुपद के पुत्र धृष्टद्युम के रूप में पुनर्जन्म लिया।
महाभारत के युद्ध में अंगूठे के बदले उन्होंने द्रोण का सिर काटा था।